कहानी और किरदार बरसों सजाते रहे हम किरदार को मगर। कुछ लोग बाज़ी ले गए सूरत सँवार कर।। बरसों सजाते रहे हम किरदार को मगर। कुछ लोग बाज़ी ले गए सूरत सँवार कर।।