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अपनो की ख़ातिर, अपनो से ही दूर जाते हुए.. देखा ह

अपनो की ख़ातिर,
अपनो से ही दूर जाते हुए.. 

देखा है अक्सर पुरुषों को,
 अपनें दुखों को सबसे छुपाते हुए..

चुप रहते हैं,कम कहते हैं, 
किसी उलझन से न घबराते हुए.. 

देखा है अक्सर पुरुषों को, 
संकट में स्तंभ बन जाते हुए..

 हृदय में जिनके प्रेम अथाह..
मौन में मन को जताते हुए.. 

देखा है अक्सर पुरुषों को, 
मंद-मंद मुस्काते हुए.. 


happy men's day

©Chanchal's poetry #Men
#mensday 

#Top
अपनो की ख़ातिर,
अपनो से ही दूर जाते हुए.. 

देखा है अक्सर पुरुषों को,
 अपनें दुखों को सबसे छुपाते हुए..

चुप रहते हैं,कम कहते हैं, 
किसी उलझन से न घबराते हुए.. 

देखा है अक्सर पुरुषों को, 
संकट में स्तंभ बन जाते हुए..

 हृदय में जिनके प्रेम अथाह..
मौन में मन को जताते हुए.. 

देखा है अक्सर पुरुषों को, 
मंद-मंद मुस्काते हुए.. 


happy men's day

©Chanchal's poetry #Men
#mensday 

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