जब हम दोनों इक दूजे से अजनबी थे, पर मंजिल एक थी। दोनों आए इक अलग रास्ते से.. शायद दोनों के मुकाम भी अलग होते पर तुम्हारी वो इक नज़र तेरा मेरी बगल की सीट पर बैठना और मेरा तुझे चाय के लिए पूछना, जिसने सब कुछ बदल दिया। कुछ रास्ते, कुछ सड़कें, कुछ मोड़ हमारे ज़ेहन में महफ़ूज़ हो जाते हैं। #सूनीसड़क #collab #yqdidi ... YQ Sahitya पर पढ़ें हिंदी साहित्य की बेहतरीन रचनाएँ। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Kuch Safar suru to hote hai par Kabhi khatm nhi, yeh hamara sath me pehla Safar tha aur Zindagi ki Pahli sidhi BHI..