मालूम होती हक़ीक़त ये फ़साना नहीं लिखता, तेरी आंखों को मैं कभी मयख़ाना नहीं लिखता! तुझे बुलाता हर रोज़ तिरे ही नाम से 'कविराज' यूं शाइरी में तुझे जान ओ जाना नहीं लिखता! कविराज अनुराग #Haqiqat #reality #love❤ #khushi #rehem #rehnuma #kaviraj_anurag