یا تو جو نافہم ہیں وہ بولتے ہیں ان دنوں یا جنہیں خاموش رہنے کی سزا معلوم ہے 'شجاع خاور' या तो जो नाफ़ह्म हैं वो बोलते हैं इन दिनों या जिन्हें ख़ामोश रहने की सज़ा मालूम है 'शुजा ख़ावर' नाफ़ह्म - नासमझ دوستو آداب۔ مشق کے لئے آج کا لفظ ہے۔ نا فہم दोस्तो आदाब। मश्क़ के लिए आज का लफ़्ज़ है - नाफ़ह्म #nafahm #challenge #yqbhaijan