हे समन्दर किसका है तुझे इन्तजार यहाँ कस्तियां भी छोड़ जाएगी कल की तरह यहाँ लालिमा का सौन्दर्य तुझे लुभाती फिर चली जाएगी ए श्याम कल की तरह तोड़ के दिल जाने वालों की कमी नहीं पुछ तू अपनी ही लहरों से किनारों पर जाने वालों की कमी नहीं ©Indra jeet #International_Day_Of_Happiness