हे शाम तुमसे रोशन मेरी शाम है, बिन तेरे राधा का नाम भी आधा है, निगाहें जो तेरी, मेरी नज़र उतारें, इस प्यार के खातिर हाज़िर मेरी जान है।। 🧡🍃 "लेखन संगी..." 🍃🧡 ❣️