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अपने-पराये पहचान ही नहीं हो पाती की कौन है यहां अ

अपने-पराये पहचान ही नहीं हो पाती की कौन है यहां  अपने-पराये !!
किसके साथ स्नेह  करें  और  किसके साथ उम्र बिताये !!

ये  सत्य  है  और हमेशा ही सत्यार्थ को ही प्रदर्शित करेगी
सांसों का बोझ है जब तक,तब तक तो रिश्ते को निभाये !!

इस बात को समझने में जितनी देरी होगी कष्ट उतना ज्यादा
ज़िन्दगी एक सराय ही है यहां देने पड़ते है सबको किराये !! @कुन्दन_प्रीत
अपने-पराये पहचान ही नहीं हो पाती की कौन है यहां  अपने-पराये !!
किसके साथ स्नेह  करें  और  किसके साथ उम्र बिताये !!

ये  सत्य  है  और हमेशा ही सत्यार्थ को ही प्रदर्शित करेगी
सांसों का बोझ है जब तक,तब तक तो रिश्ते को निभाये !!

इस बात को समझने में जितनी देरी होगी कष्ट उतना ज्यादा
ज़िन्दगी एक सराय ही है यहां देने पड़ते है सबको किराये !! @कुन्दन_प्रीत