बदलाव जो दिख रहा। बदलाव जो दिख रहा, यह सच कहीं सच तो नहीं????? बात तो करना चाहता था, पर शायद ये वोह रीतिका नहीं। झूठ ना बोलो इतना, की शीशा भी शरमा जाए, बहकावे में आकर एक और बार, कही ये दिल ना बेह जाए। हसने की बात नहीं, यह एक पुकार है। बात करनी नहीं यदि, तोह बोलो तुम्हें इनकार है। नादानी के कदम थामकर, निकले थे मंजिल की तलाश में, रीतिका के न जाने क्यों रोख रखा, वरना हम कब का जीत ते। पहेली ये ना सुलझेगी, बल्कि और उलझेगी। कोशिश कर के देख लेना, बावजूद उसके ना समझोगी। याद आयेगी इस दिन की, पर बात ना कर पाओगी। समय से नहीं पर उस पल तुम, अपने दोस्ती से दूर जाओगी। देर काफी हो चुकी, पर तुम्हे कुछ ज्ञात नहीं। हो सके तो याद करना, वोह पुरानी बातें भूल जाना नहीं। सो जाओ रीतिका, मुझे अब यकीन नहीं। आजमा तो लिया इतना, वापस ना कर रहा में गलती वहीं। बताया करती थी, एक लड़की, छिपा ती नहीं थी दर्द को। ना समझ हूं या है गलती मेरी, भूला दिया उसने अपने हमदर्द को। ©shailesh_d_one (Ritika is an imaginary girl) बदलाव जो दिख रहा। #hindi #nojotohindi #feelings #shayari #emotions #love #poetry #breakup #thoughts #life