चुनावां री हलचल बामण ने बांसुरी मिलगी बोतल मिलगी जाटां ने। भोळी जनता सोच रही है कुर्सी किण के हाथां में। कई कमल की डंडी पकड़ी कई पकड़यो हाथ। बाकि का सब सोच रिया है