अपना जो खोजन मै चली अपना ना मिलया कोय ! निज मन जो झाँक लिन्ही ''मुझ''सा अपना ना कोय ! निज स्वार्थ सब विलिन होय मिथ्या मेल दिखाबे सब कोय ! कठिन परिस्थिति मे जो पुकार दिन्ही प्रस्तुत भया ना कोय !! मन आघात जो भया दिखावी सांत्वना सब दिलाबे, मन टटोलिंहें ना कोय ! मिथ्या अश्रू सब दिखाबे कटाकक्ष त्यागिहें ना कोय !! नि:सहाय धरासय जो भया कृत्रिम आह सब धरिहें , यथार्त सहाय बनियहें ना कोय ! अलाप-प्रलाप सब करिहें उदार बनिहें ना कोय !! अपना जो खोजन मै चली अपना ना मिलया कोय निज मन जो झाँक लिन्ही मुझ सा अपना ना कोय !! #selfishlove #myself #kavita_ki_doha #apna_jo_khojan_mai_chali #mujhsa_apna_na_koy