इस पावन धरा पे देखो फिर से छाने लगी है हरियाली, खिलने लगी है हर डाली डाली, नव कोपल नव पल्लव है हर डाल पे फुटी, जैसे देखो कुदरत भी है खिलखिला के हंस दी, चारो तरह है मौसम सुहाना, पक्षियों की आवाज से गूंजी नभ गगन की है क्यारी, झूम के आई है ये अब देखो बसंत ऋतु की बारी, झूम रहा नभ गगन झूम रही है ये पवन, खिलखिला रहा है देखो आज कैसे सारा उपवन, की प्रकृति ने फिर से बिछाई अपनी सुन्दरता को क्यारी, गुलाबी ठंड को करके दूर देखो है बसंत ऋतु की बारी, हर तरफ ताजगी और खुशबू है ये संग लाई, मां सरस्वती का आशीर्वाद खुद ये प्रकृति है लेके आई.. आप और आपके परिवार का बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं मां सरस्वती आप पर कृपा बरसाएं जैसे प्रकृति है हर्षाई वैसे ही आपके जीवन में खुशियों की बाहर जाएं आती... ©Shivendra Gupta 'शिव' #बसंत_पंचमी #कविता_शिव_की_कलम_से