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कभी आशिक़ी तो कभी की हैं, महकसी यारों... पर असल म

कभी आशिक़ी तो कभी की हैं,
महकसी यारों... 
पर असल में खा गई हमें,
दिल्लगी यारों... 

हैं कुछ जिम्मेदारियाँ तो जिंदा हैं वरना 
नाकाम इश्क़ में जायज़ हैं
खुदकुशी यारों..

अतुल कुमार गुप्ता

©Er.Atul Kumar Gupta
  #khudkhushi