#5LinePoetry मसीहाओ लगाओ मरहम ऐसा, के मेरे ज़ख्मों का इंदिमाल हो, साँस के चलने से भी, जख्मों से खून निकलता है, कहाँ गया हुनर तुम्हारा, कहाँ तुम्हारे नुस्खे गए? न ये जख्म भरते हैं, न सुकून मिलता है ।। #इंदिमाल (cure) ©Chauhan Chirag #जख्म #इंदिमाल #सुकूँन #5LinePoetry