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वक़्त...हर वक़्त ग़म के सीने पे एक नई ईंट लगाए जाता

 वक़्त...हर वक़्त ग़म के सीने पे एक नई ईंट लगाए जाता है
मक़बरा हर ज़ीस्त के बदन का ख़ूबसूरत सा बनाये जाता है


 Musings - 19/5/19
 वक़्त...हर वक़्त ग़म के सीने पे एक नई ईंट लगाए जाता है
मक़बरा हर ज़ीस्त के बदन का ख़ूबसूरत सा बनाये जाता है


 Musings - 19/5/19