*शरण* सुबह होते ही लौट आया, पीछे हँसी मंज़र छोड़ आया। यूँ तो थे सब बनावट के रिश्ते, मग़र उनको भी तोड़ आया। एहसान करता था हर चाहने वाला, अब वो दुनिया ही छोड़ आया। तुम्हारे पास कुछ पाने नहीं आया, तुम भी चाहो ये चाहने नहीं आया। समर्पण भावना से अभिभूत होकर, मैं आया तेरी शरण सब कुछ खोकर। जय श्री राम! #yqbaba #yqhindi #yqsharan #yqkhokar #yqsamrpan Dhanyavadmulu Roopa Rani Garu for correction.