हाथों के पंख फैलाकर दौड़ने, उड़ने और तैरने वाली व्यस्क लड़कियों की नस्ल पर उँगली उठाने या पर काटने की जगह समाज बेहिचक सर पर हाथ रखने लगेगा उस दिन समझ लेना, काग़ज़ी संविधान सच में लागू हो गया… औरतों को हक़ के लिए कानून का दरवाज़ा खटखटाने की आवश्यकता नहीं होगी हाथों के पंख फैलाकर दौड़ने, उड़ने और तैरने वाली व्यस्क लड़कियों की नस्ल पर उँगली उठाने या पर काटने की जगह समाज बेहिचक सर पर हाथ रखने लगेगा उस दिन समझ लेना, काग़ज़ी संविधान सच में लागू हो गया… औरतों को हक़ के लिए कानून का दरवाज़ा