आज कुआंसे कि जो बारात सजी है मेरे मोहल्ले में क्या खूब जची है मेरे महबूब इस बारात में जो तेरा एक साथ होता तो मैं भी हजारों की तादाद में एक खास होता काश कि चाय की कुछ घूंट तुम्हारे संग हो जाती के काश कुआंसे के इस आलम में तुम्हारे बाहों में लिपटे हम हो जाते ©R...Khan #कुआंसे#की#बारात #Nature