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ll वो मुड़ा, मुझको मुड़ कर देखा नही एक फूल था हाथ

ll वो मुड़ा, मुझको मुड़ कर देखा नही
एक फूल था हाथ से, उसको फेका नही
में उस फूल का अकेला कांटा हूं
जो टूटा तो पर हाथ से निकला नही ll

©( prahlad Singh )( feeling writer)
  हाथ से निकला नही#Tulips

हाथ से निकला नहीTulips #Shayari

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