जिसकी आबरू को मोहब्बत समझ कर छोड़ दिया। किसी और से गवा के वो ख़ुद को मुकम्मल समझने लगे। किसका जी भरा ये पता नहीं आजकल वो फिर से मुझसे गुफ्तगू करने लगे। हम भी नादान नहीं अब जो लौट चलें उन तंग गलियों में जिन गलियों ने मुझे खुदगर्ज बना दिया। #RDV19. #खुदगर्ज_इश्क़