ये रंगो का खेल बड़ा निराला है, दिल तो सबका काला और दिमाग में गोबर पाला है। सबने एक एक रंग चुन डाला है, इंसानियत को सबने मिलकर मार डाला है। नेता जप रहे अपनी -अपनी माला है, देश का तो बेड़ा गर्क कर डाला है। हर कोई मुह पर सीधा सादा है, मन में अजीब सा बैर पाल डाला है। ये रंगो का खेल बड़ा निराला है। नफरतों के शहर में चालाकियो का डेरा डाला है। रवि...... ©ravi parihar #Nodiscrimination