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White फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध कानून :- * फर्जी

White फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध कानून :- 

* फर्जी डॉक्टर दवाखाने संचालित कर मरीजों को लूट रहे है। इन फर्जी डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर बीएमओ ने डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज करने पुलिस को आवेदन दे दिया है, यदि शिकायत सही पाई जाती है तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। पूरे ब्लॉक में फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों का जाल इस तरह बिछा है कि कोई भी मरीज इनके चंगुल से नहीं बच सकता है।

* आयुर्विज्ञान परिषद अघिनियम 1987 के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जिसका नाम राज्य चिकित्सक रजिस्टर में अंकित नहीं है, रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी के रूप में व्यवसाय करेगा तो उसे तीन साल के कारावास एवं पांच हजार के जुर्माने से दंडित किया जाएगा, लेकिन भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद अघिनियम 1956 के विशेषाघिकार का हकदार होने पर दंड का भागीदार नहीं होगा।

* एक समिति गठित कर डॉक्टरों की डिग्रियों की जांच की जाएगी। फर्जी डाक्टरों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

* अंगुलियों पर गिने जाने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों के दवाखानों तक केवल दस प्रतिशत मरीज ही पहुंच पाते हैं, बचे हुए मरीजों का इलाज इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा कर दिया जाता हैं। आश्चर्य की बात तो यह हैं कि किराए के कमरे में चल रहे इन दवाखानों में डॉक्टर हर मर्ज का इलाज कर रहे हैं।

©Indian Kanoon In Hindi फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध कानून :-
White फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध कानून :- 

* फर्जी डॉक्टर दवाखाने संचालित कर मरीजों को लूट रहे है। इन फर्जी डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर बीएमओ ने डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज करने पुलिस को आवेदन दे दिया है, यदि शिकायत सही पाई जाती है तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। पूरे ब्लॉक में फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों का जाल इस तरह बिछा है कि कोई भी मरीज इनके चंगुल से नहीं बच सकता है।

* आयुर्विज्ञान परिषद अघिनियम 1987 के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जिसका नाम राज्य चिकित्सक रजिस्टर में अंकित नहीं है, रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी के रूप में व्यवसाय करेगा तो उसे तीन साल के कारावास एवं पांच हजार के जुर्माने से दंडित किया जाएगा, लेकिन भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद अघिनियम 1956 के विशेषाघिकार का हकदार होने पर दंड का भागीदार नहीं होगा।

* एक समिति गठित कर डॉक्टरों की डिग्रियों की जांच की जाएगी। फर्जी डाक्टरों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

* अंगुलियों पर गिने जाने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों के दवाखानों तक केवल दस प्रतिशत मरीज ही पहुंच पाते हैं, बचे हुए मरीजों का इलाज इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा कर दिया जाता हैं। आश्चर्य की बात तो यह हैं कि किराए के कमरे में चल रहे इन दवाखानों में डॉक्टर हर मर्ज का इलाज कर रहे हैं।

©Indian Kanoon In Hindi फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध कानून :-