यात्रा करते समय कम से कम सामान होने पर यात्रा सुखद होती है.. इसी तरह जिंदगी की यात्रा भी संसार से कम से कम मोह होने पर सुखद होती है.. ©मनोजानंद जी संस्कार ही जीवन है