गुनगुनी धूप की तरह से तरन्नुम में तुम छूके मुझे गुज़री हो यूँ देखु तुम्हें या मैं सुनू तुम हो सुकून, तुम हो जुनून क्यों पहले ना आयी तुम -Prasoon Joshi 10 Years to #Ghajini Thank U for being there