साहब यहाँ मुर्दे को भी कफन नसीब होता है और जिंदा बच्चा भी भूखा नंगा सोता है । यहाँ मरने पर भी लोग खाना खाने आते है और अन्नदाता भी अन्न को तरसते नजर आते है। यहाँ तो गरीब भी रात को चैन से सोते है और अमीर रोज धन की चिंता में खोते है । यहाँ रमजान के ताजिये बिना रुकावट के निकलते है। और देवी माँ के जुलूस वोट बैंक के अनुसार ढलते है। यहाँ दीवाली पर हर किसी के घर में दीपक जलता है और जातिवाद की दुहाई देकर धर्म बदलता है। साहब अब आप ही निश्चय कीजिये इस देश के भाग्य का... क्योंकि यहाँ जनता ही सरकार बनाती है। और फिर जनता ही अच्छे दिन का दुखडा रोती नज़र आती है। यहाँ लोग ही लोकतंत्र के रक्षक कहलाते है। और फिर कमल और हाथ में बंट जाते है। अब बेचारा 'काफ़िर' तो असमंजस में रहता है, कि क्यों भारतीय इतने टूटे नज़र आते है? भारतीय #भारत #कविता #nojoto #nojotopoetry