आओ "हिमांश" फिर नक़ाब बदल कर देखते हैं, ज़िन्दगी में फिर एक नई किताब बदल कर देखते हैं जो रखे हुए हैं बन्द बक्से के किसी कोने में बरसों से, आओ उन क़िरदारों को भी एक बार ओढ़ कर देखते हैं॥ आओ न "हिमांश" आज फिर नक़ाब बदल कर देखते हैं..!!! #नक़ाब #हिमांश