कही सन्नाटा तो , कही खुशियों का माहौल छायेगा सरहद पे जिसका लाल फटाखो से खेल गया आखिर किस तरह वो बाप ये खुशियों का त्यौहार मनाएगा। सुन ली गर फटाखो की आवाज घोर से तो सरहद पे खड़ा रहने वाला लाल नजर आएगा और फिर से हरा भरा वो पेड़ एक पल में मुरझा जाएगा।# हरी भाकर #हेमराज निठारवाल #पुलवामा एक दीपक शहीदों के नाम एक दीपावली वीरानी सी