हवा आयी है जुदाई की तो झूठला देना 'गर आयी है वफ़ा की तो अपना लेना दिल्लगी की राह से आयी है गुज़र के या बेमत्लब आयी है 'गर आयी है गुलो के रंगो से तो अपना लेना हवा आयी है गैरो से मिलके तो झूठला देना