माँ शब्द है जितना छोटा, भावनाओं की गहराइयों मे है मोटा माँ की ममता का नहीं कोई मोल, उसके लिए उसके बच्चे अनमोल माँ की छाया मे पीड़ा सब भुल जाऊं,चिन्ता कितनी हो ,झट से समाधान पाऊं अस्तित्व भगवान का मैं नहीं जानता भगवान के रूप मे माँ को हूँ मानता अहमियत उनसे पूछो जिनकी नहीं होती है माँ क्योंकि ममता की छावं है माँ,जीवन का हर पड़ाव है माँ त्याग की मूरत है माँ,प्रेम की सूरत है माँ जीवन का उजाला माँ,हर पड़ाव का सहारा माँ सुकून की धरोहर माँ,हिफ़ाज़त की पुड़िया माँ मोन भी समझती माँ,कभी क्यों नही थकती माँ अस्तित्व को निखारे माँ,कभी क्यों नही रुकती माँ सुरक्षा का आभास है माँ,चेहरे पर मुस्कान है माँ मेरे चारो धाम है माँ,मेरे दिल का हाल है माँ ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕 Neha Nautiyal