कुछ बचा नहीं कहने को जैसे कुछ बचा नहीं अच्छा बनाने को रब भी नहीं सोचता तुमको तराशने के बाद सब हुनर लगा दिया, तुम में एक साथ हर एक अंग खूबसूरत सजाया है दिल को बहुत नाजों से बनाया है तुमको देख ताजमहल भी शरमाया है रत्नों और जवाहरातों ने में छुपाया है जब तुम्हारा दीदार खुदा ने करवाया है ऐसी मूरत भी बनाने के बाद रब को खुद एक सुकून आया है अब जाकर एक मुकम्मल इंसान बनाया है ©Dr Supreet Singh #khoobsurati