ओढ़कर चादर मौत का देखो इरफ़ान चला गया.. हर शक्स उसकी याद में आशुं बहा गया.. बंदा था वह बहुत जज़्बाती, चुप रहना सीखा गया.. अपनी मंद हसीं और मौन अदाकारी को.. हर दिलो में बसा गया.. देखो पान सिंह तोमर (इरफ़ान) हिंदी मीडियम वाला,