मुंबई मेरी जान तेरी रौनक से तो खुदा भी मुतासिर हो जाता था आज तू बिल्कुल विरान हो गई है इतने बरसों से तुने अपने बच्चों को कोख में पनाह दी थी बड़ी खिदमत से सबको पाला था, किसीको मायुस होकर नहीं लौटना पड़ा पता नहीं तेरी कोख में और तेरे दिल में इतनी जगह कहा से आतीं थी, सब लोग समा ही जाते थे आज तेरे बच्चें तुझसे जुदा हो रहे हैं कायनात अपनी करवट बदल रही है पर लौटकर जरूर आएंगे एक दिन आफत में अवसर खोजने तेरे ही पास फिर से भर जाएगी तेरी कोख लौट आएगी रौनक खुदा फिर से बनेगा तेरा कायल तु बस एक शहर थोड़ी ना है तु हम सबकी मां है हमारी जान है फर्जी शायर #mumbai #mumbaikar #mumbaimerijaan #mumbaikar #hindipoetry #hindishayari #urdushayri #urdupoetry