bharat quotes बसंती चोला🇮🇳 मुख पर लिए स्वर्ण सी आभा एक लाल लौट घर आया है तन पर ओढ़ बसन्ती चोला एक बेटा वापस आया है है धन्य ऐ माँ!वो कोख़ तेरी ऐसा सपूत जो जाया है देख वीरता तेरे लाल की दुश्मन भी वहाँ थर्राया है जो डरा नहीं जो झुका नहीं मुश्किल में न घबराया है आहुति प्राणों की देकर भी अपना कर्तव्य निभाया है तन पर ओढ़ बसन्ती... चौड़ा सीना आज पिता का बेटा जिसका शहीद कहलाया है बाकी सीनों का कोई मोल नहीं वो बस दो पल की माया है नीर भरे हों नैनों में भले ही चाहे बेजान वो काया है गर्वित है मन आज पिता का ऐसा वीर सपूत जो पाया है तन पर ओढ़ बसंती चोला... शत शत नमन तुम्हें ओ वीरों हम सब शीश नवाते हैं तुम जो बैठे हो सरहद पर तो चैन से हम सो पाते हैं प्राण न्योछावर कर वीरों ने माटी का कर्ज़ चुकाया है तन पर ओढ़ बसन्ती चोला... इस चोले का मोल न पूछों ये वीरों की पहचान है ये जान है हर भारतवासी की मान और सम्मान है कितने शीश कटे वीरों के तब जाके कहीं इसे पाया है तन पर ओढ़ बसन्ती चोला एक बेटा वापस आया है। ★★★ ©प्राची मिश्रा #Harghartiranga #हर_घर_तिरंगा #आज़ादी_का_अमृत_महोत्सव ©Prachi Mishra #Harghartiranga #Desh #Nojoto #VandeMatram