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बहुत कुछ सह लेते हैं, मर्द भी कहां आसानी से मर्द ब

बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...
पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भूल ही जाते हैं। दूरियों के मुसाफ़िर
बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...

पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भूल ही जाते हैं...
बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...
पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भूल ही जाते हैं। दूरियों के मुसाफ़िर
बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...

पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भूल ही जाते हैं...
shree3018272289916

Shree

New Creator

दूरियों के मुसाफ़िर बहुत कुछ सह लेते हैं, मर्द भी कहां आसानी से मर्द बने रहते हैं... पिता, पुत्र, भाई, सखा, पति बनते हुए... खुद को वो भी भूल ही जाते हैं... #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #a_journey_of_thoughts #दूरियोंकेमुसाफ़िर