बिन उसके मुझे, कहा नींद आने वाली थी..... सुनकर दुख हुआ जब वो जाने वाली थी.....!! और मैं तारीफ करता था उसके बने खाने की.... मैं ये भी जानता था, वो मुझे कहा खिलाने वाली थी....!!!! थोड़ा देर हुई मुझसे या जानबूझकर मैंने की..... ये बात उससे कहा छिपाने वाली थी.....!! एक दौर में आगे बढ़ाए थे फिक्र भरे कदम मैंने..... पर वो कहा किसी का एहसान उठाने वाली थी....!!!! रास्ते बनाने का हुनर उसमें ग़जब का था..... पर किसे मालूम कौनसी मोड़ आख़िरी वाली थी…..!! हमारी खूबियां फिर दूरियां बन तब्दील हुई.... सोचता हूं अब कौनसी बात पछताने वाली थी....!!!! अर्पित द्विवेदी #nowords #nosorry