Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात फिर तुम सपनो में आई थी, खुलकर तो नहीं , पर चुप

रात फिर तुम सपनो में आई थी,
खुलकर तो नहीं ,
पर चुपके से मुझे देख मुस्कुराई थी,
दिल कर रहा था तुम्हें गले से लगा लूं,
लेकिन कल तुम अकेले "अन्यांश" नहीं ,
एक पत्नी, एक मां और बहु बनकर आई थी...
रो दिया दिल, कल तुम्हें देखकर 
कि तुम अब कितनी आगे बढ़ चुकी हो...
किसी कि बहु बन गई हो, 
किसी की पत्नी बन गई हो,
और सुना है एक "शहजादे" की मां बन गई हो...
और मैं खड़ा हूं आज भी उसी जगह,
ये जानते हुए, कि
अब कभी "मैं" और "तुम" , "हम" नहीं हो सकते
लेकिन मुझे जिंदा रखने का तुम्हारा 
हुनर अच्छा लगा,
की अक्सर आ जाया करती हो सपनों में...
और मुझमें थोड़ी सी जान डाल जाती हो...

©अन्यांश
  शायरी तुम्हारे नाम कि....
कुछ अनकहे अल्फाज़...🙂✨✨✨
#Nojoto #nojoto❤ #Love #Adhura #Poetry

शायरी तुम्हारे नाम कि.... कुछ अनकहे अल्फाज़...🙂✨✨✨ Nojoto nojoto❤ Love #Adhura #Poetry

153 Views