जब ईश्वर सर्वशक्तिमान है तो ईश्वर को अवतार - शरीरधारण करने की आवश्यकता ही क्या है? क्योंकि जिस कारण ईश्वर अवतार-शरीरधारी होता है तो क्या वे कार्य निराकार से साकार हुए बिना नहीं कर सकता तो फिर ईश्वर सर्वशक्तिमान कहाँ हुआ? सर्वशक्तिमान तो ईश्वर तभी हो सकता है जबकि निराकार रहता हुआ ही अपने सब कार्य पूर्ण करे। शरीरधारी होने से ईश्वर ईश्वरत्व से अलग होता है। #revealit