हम दोस्त हर दुःख सुख में साथ जीया करते थे। हार हो या जीत हमेशा एक दूसरे का साथ दिया करते थे। कभी हम तुमको गाली देते थे तो कभी तुम दिया करते थे। कभी हम रुठते, तो कभी तुम रुठा करते थे। पर मनाने का सिलसिला हमेशा जारी रखा करते थे। शर्दी हो या गर्मी एक साथ लड़की का पीछा करते थे। भाई ये तुम्हारे लिए सही है, तुम्हीं पटा लो ऐसा बात किया करते थे। क्लास में टिफिन चुरा कर खाया करते थे। lunch time में एक दूसरे की टिफिन को छीन कर खाया करते थे। Teacher के मार के बाद अपने दोस्तों का मजाक उड़ाया करते थे। हम अपनी दोस्ती पर कितना इतराया करते थे। By :-Guruvar Datt Puri friendship day specials this poem is dedicated to my best friends Awanish, Vivek,Abhishek,Banti,Champa #Yaari