बेबसी में खड़ा वो पिता आस लगाए बैठा था निर्लज प्रशासन से दर दर भटक रहा वो अपनी बेटी के लिए मस्त हैं सत्ताधारी अपनी मौज उड़ाने में क्या फिक्र उन्हें देश के बेटी की जब तक हाथ ना डाले कोई उनके घराने में । सपने साजाने आए लड़की को, खौफनाक मंजर दिखा दिया। आवाज़ जो उठाने चाही उसने,तुमने उसको नदी में बहा दिया। कहानी सिर्फ अंकिता की नहीं ये इन जिस्म के ठेकेदारों ने कई आवाज़ों को दबा डाला है कानून तो है ही इनकी मुट्ठी में संविधान का भी मज़ाक बना डाला है। नि:शब्द हूं, शायद कल को में भी सपने देखने छोड़ दूं या शायद मेरी हर वो बेटी अपने पंख काट के बैठ जाए घर के एक कोने में, उड़ान भूल बस रोने में सिर्फ अंकिता के लिए नहीं मैं भी इस देश की बेटी हूं मुझे खुद के लिए, देश कि हर बेटी के लिए इंसाफ चाहिए । #justiceforankita ©Sanjana Bhatt #justiceforankita #sanjanabhatt #poetsanjanabhatt #Nojoto #Drown