रंगीन काग़ज़ दिखा के मजदूर कर देती है, रूपये पैसे की चमक, अपनों से दूर कर देती है। Ashish & Jai Ashish bhai Ashish Awasthi जी के शेर से पहला मिश्रा चुरा कर एक नया she'r लिखने की अदना की कोशिश... उम्मीद है ashish bhai aap बुरा ना मानेंगे