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........ आज फिर तुम्हारी ढलती सांझ ने मेरी हथेल

........ आज फिर तुम्हारी 
ढलती सांझ  ने 
मेरी हथेलियों में 
केसारिया रंग छोड़ दिया...
यूहीं तो नहीं इसे 
त्याग का रंग कहा जाता।

कुछ तो बात रही होगी
........ आज फिर तुम्हारी 
ढलती सांझ  ने 
मेरी हथेलियों में 
केसारिया रंग छोड़ दिया...
यूहीं तो नहीं इसे 
त्याग का रंग कहा जाता।

कुछ तो बात रही होगी

आज फिर तुम्हारी ढलती सांझ ने मेरी हथेलियों में केसारिया रंग छोड़ दिया... यूहीं तो नहीं इसे त्याग का रंग कहा जाता। कुछ तो बात रही होगी