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कई बार अपना कहने से कोई अपना थोड़े हो जाता है, दुन

कई बार अपना कहने से
कोई अपना थोड़े हो जाता है,
दुनिया कितनी भी जगमग है,
अपना घर बहुत याद आता है।

(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें) प्रश्न हर कदम पर उठते थे 
हर कदम पर हमने सुना 
उत्तर भी उनके ही दिए हुए थे 
दिखाए ऐसे जैसे हमने चुना

जैसे रात के तीन पहर हों 
ऐसे जीवन के तीन पहर बीते
अब सवेरा आने को है
कई बार अपना कहने से
कोई अपना थोड़े हो जाता है,
दुनिया कितनी भी जगमग है,
अपना घर बहुत याद आता है।

(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें) प्रश्न हर कदम पर उठते थे 
हर कदम पर हमने सुना 
उत्तर भी उनके ही दिए हुए थे 
दिखाए ऐसे जैसे हमने चुना

जैसे रात के तीन पहर हों 
ऐसे जीवन के तीन पहर बीते
अब सवेरा आने को है