खुद रंग रहो खुश रंग रहो सब साथ चलें तो संग रहो वरना अपने में मग्न रहो रह सको तो खुद मुख्तार रहो अपने सपनों के संग बहो। यह जीवन बहुत अमोल मिला, इसको ना बेरंग करो, खुद रंग रहो खुश रंग रहो। (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) अपने ही रंग में रहो …........................ खुद रंग रहो खुश रंग रहो सब साथ चलें तो संग रहो वरना अपने में मग्न रहो रह सको तो खुद मुख्तार रहो अपने सपनों के संग बहो। यह जीवन बहुत अमोल मिला,