मुझे कन्या से हैं ,पूर्ण नारीत्व का है रूप दिया , आज मेरे शरीर मे भी ,कुछ परिवर्तन है हुआ ,, हर माह लड़ती हूँ मैं , खुद के शरीर से गिरते खून से , हर गिरते बून्द से है , अपने अस्तित्व को सिद्ध किया ,, होती है पीड़ा असहनीय मुझे , मस्तिष्क से होती तकरार मुझे , लेकिन शर्म नहीं गर्व से , मैंने हैं स्वीकार किया ,, नव जीवन को सृजन करने , की हैं पूर्व प्रकिर्या , भविष्य के किलकारी का , अथक है प्रयास किया ,, जाने क्यों इसे अछूत - शर्म का , परिचायक मानते है लोग, क्यों मुझे सीमित कर , मंदिर में जाने से है मना किया ,, है वो भी एक शक्तिपीठ जिसे , पवित्र मना कर पूजा करते , फिर क्यों उसी स्त्री रूप को , अपवित्रता से हैं जोड़ दिया ,, हो रहा हैं हमेसा से ये , भेद-भाव स्त्री की चेतना के साथ , कभी राख तो कभी कोई कपड़े का टुकड़ा, तो कभी घर के बाहर बैठा दिया,, आज अधर्म की सामाजिकता से , झूझ रहा हैं ये मासिक धर्म , इसे घृणा छुआ-छूत की परंपरा में ,लक्ष्मण रेखा में कैद किया ,, कब दूर होगी ये भ्रंतिया , कब दूर होगी ये परिभाषा , इसी मासिक धर्म ने तो मुझे, मातृत्व का हैं अधिकार दिया,, #Nonotoapp#Nojotonews Sudha Tripathi Rekha💕Sharma(मंजुलाहृदय)