Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज बादलो को उत्कट प्रणय की अनुभूति लिये आपस में टक

आज बादलो को उत्कट प्रणय की अनुभूति लिये
आपस में टकराने दो
बिजलीकी कातिलाना अंगड़ाई को 
अपना रेशमी जलवा दिखाने दो
मेरे संग तू है इस समा में
मौसम की मदहोश होती अदा में
ए इश्क
तुझे प्रणयपाश में बांधकर
आलिंगन में अपनाकर रखूँ 
आसमान से गरजती कशिश में 
दो दिलो को एकदूजे में
अनंत तक डुबाकर रख दूँ.

©Manisha keshav ##one season ##

#Flower
आज बादलो को उत्कट प्रणय की अनुभूति लिये
आपस में टकराने दो
बिजलीकी कातिलाना अंगड़ाई को 
अपना रेशमी जलवा दिखाने दो
मेरे संग तू है इस समा में
मौसम की मदहोश होती अदा में
ए इश्क
तुझे प्रणयपाश में बांधकर
आलिंगन में अपनाकर रखूँ 
आसमान से गरजती कशिश में 
दो दिलो को एकदूजे में
अनंत तक डुबाकर रख दूँ.

©Manisha keshav ##one season ##

#Flower