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बेटी के पैदा होने पे तुम गुहार लगाते हो फ़िर कैसे

बेटी के पैदा होने पे तुम गुहार लगाते हो
फ़िर कैसे ख़ुद को माँ का तुम भक्त बताते हो

बस रखते यही भेदभाव दिल में अपनें तुम
हर साल फ़िर वही झूठा जयकारा चिल्लाते हो

मुँह देख बेटी का तुम मुँह अपना लटकाते हो 
और मातारानी के घर आनें पर झूठी खुशी जताते हो

अब बंद करो ये खोखली बधाईयाँ देना सबको
असलियत में तो तुम भी कहाँ नवरात्रि मनाते हो

माँ,बेटी,बहू,बहन का दर्जा देते नहीं औरत को
बस जगतजननी कहके उसे ऊंचा उठाते हो

चलाती आई है औरत और आगे भी चलाएगी
गलतफहमी है तुम्हारी के दुनियां तुम चलाते हो पहले तो सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ चैत्र नवरात्रि की....
आज सभी माता को घर लेके आएं ही होंगें लेकिन क्या उस माता के बारे में सोच के देखा है कभी जिसे आप रोज़ तिरस्कृत करते हैं...उस बहन के बारे में सोचा है कभी जिसकी रक्षा की कसम तो ली है लेकिन उसके नाम की गाली हर समय जुबान पर रहती है...क्या उस बेटी के बारे में उतना ही खुश होते हैं जितना की बेटे को देखके होते हैं...और पत्नी को वही दर्ज़ा देते हैं जो एक स्त्री को मिलना चाहिए...अगर इनके जवाब ना हैं तो आपको एक बार पुनः नवरात्रि के अर्थ को समझने की आवश्
बेटी के पैदा होने पे तुम गुहार लगाते हो
फ़िर कैसे ख़ुद को माँ का तुम भक्त बताते हो

बस रखते यही भेदभाव दिल में अपनें तुम
हर साल फ़िर वही झूठा जयकारा चिल्लाते हो

मुँह देख बेटी का तुम मुँह अपना लटकाते हो 
और मातारानी के घर आनें पर झूठी खुशी जताते हो

अब बंद करो ये खोखली बधाईयाँ देना सबको
असलियत में तो तुम भी कहाँ नवरात्रि मनाते हो

माँ,बेटी,बहू,बहन का दर्जा देते नहीं औरत को
बस जगतजननी कहके उसे ऊंचा उठाते हो

चलाती आई है औरत और आगे भी चलाएगी
गलतफहमी है तुम्हारी के दुनियां तुम चलाते हो पहले तो सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ चैत्र नवरात्रि की....
आज सभी माता को घर लेके आएं ही होंगें लेकिन क्या उस माता के बारे में सोच के देखा है कभी जिसे आप रोज़ तिरस्कृत करते हैं...उस बहन के बारे में सोचा है कभी जिसकी रक्षा की कसम तो ली है लेकिन उसके नाम की गाली हर समय जुबान पर रहती है...क्या उस बेटी के बारे में उतना ही खुश होते हैं जितना की बेटे को देखके होते हैं...और पत्नी को वही दर्ज़ा देते हैं जो एक स्त्री को मिलना चाहिए...अगर इनके जवाब ना हैं तो आपको एक बार पुनः नवरात्रि के अर्थ को समझने की आवश्

पहले तो सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ चैत्र नवरात्रि की.... आज सभी माता को घर लेके आएं ही होंगें लेकिन क्या उस माता के बारे में सोच के देखा है कभी जिसे आप रोज़ तिरस्कृत करते हैं...उस बहन के बारे में सोचा है कभी जिसकी रक्षा की कसम तो ली है लेकिन उसके नाम की गाली हर समय जुबान पर रहती है...क्या उस बेटी के बारे में उतना ही खुश होते हैं जितना की बेटे को देखके होते हैं...और पत्नी को वही दर्ज़ा देते हैं जो एक स्त्री को मिलना चाहिए...अगर इनके जवाब ना हैं तो आपको एक बार पुनः नवरात्रि के अर्थ को समझने की आवश् #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #alone_but_happy #Happywomen #नफ्स़ #ankyy