हे प्रभु तेरे दर्शन की आस जगी मन में हो जाये ये जीवन धन्य दे दो जगह जो चरणन में खड़ा द्वार तेरे लिए दर्शन की अभिलाषा तरसते नयनन में आ जाओ जो तुम तो मिले भटकते मन को मुक्ति जीवन में ©shrikant yadav #अभिलाषा