तुझसे जुदा मत करना मुझको, इस जहां में कोई मेरा नहीं है। गमों के दरिया में ग़र्क़ है ये दिल, सुकूँ अता कर,करम तू कर दे! मुझे अपना खादिम समझकर, मौला कर दे,नज़र एक मुझ पर! जहां भी जाऊँ, हो बस इनायत पार कश्ती अब,मेरी तू कर दे!!! ✍️✍️मुर्तज़ा #मौला नज़र तू कर दे!!