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ये उमीद ना थी की तुम भी ऐसे इल्ज़ाम लगाओगे कभी आना

ये उमीद ना थी की तुम भी ऐसे इल्ज़ाम लगाओगे
कभी आना तुम गाँव मेरे महरम एक प्रीत को जिंदा लाश पाओगे,

हम आए थे तेरे मम्मी पा से तुम्हे अपने लिए मांगने ठुकराया
उन्होंने फांसला हमारे बीच का दिखाकर,

कहीं बदनामी ना हो लौट आए तेरे अपनों की इज़्ज़त बचाकर 
पूछा जब मेरी माँ ने आँखों की नमी का कारण बड़ा रोया मैं उन्हे गले लगाकर,

आज जो भी हूं तेरी चाहत की बदौलत
तेरी जुदाई ने छोड़ा हमें पागल शायर बनाकर,

सब खुद सह गए तुम्हे हर्ट ना हो चुप रह गए कबूल तेरी हर सज़ा पता
था एक दिन तुम भी देगेबाज़ का टैग लगाओगे,

आना जाना अब तुम पर छोड़ा बाकी
इन सालों में खुद समझ गए होंगें, दुनियां घूम लेना 
तुम की हमसा यार ना पाओगे,

जब भी मौत आई हमें लेने पूछ लेना मेरे अपनों से आख़री
दीदार तेरा आख़री नाम इन लबों पे पाओगे,,,
💔😭

©Teरa PरeeT Saकshi
  #Sadness #Broken💔Heart #इल्ज़ाम  #आखरी_दीदार