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प्रेम सफर 6 आग का तेज चांद की चांदनी ,सूरज का गुरु

प्रेम सफर 6
आग का तेज चांद की चांदनी ,सूरज का गुरुर
इन से ज्यादा है, मेरे महबूब की आंखों का नूर
कह रहा शिवराज सुनो गोर से मेरे हुजूर

सूरज का गुरुर कम हो जाता है बादलों के आगे
चांद की चांदनी नहीं दिखती अमावस्या के आगे
महबूब मेरे के चेहरे का नूर दिखता सबके आगे
कहे श्याम सुनो राधे तुम बिन बृज भी सुना लागे

अमावस्या का तम, कम उसके काजल के वास्ते
नैनो का एक वार ही कापी है घायल करने वास्ते
शब्द भी कम है उसके रूप को बया करने वास्ते
सुन राधे मथुरा ,वन्दावन और  गोकुल तोरे वास्ते
                                         शिवराज खटीक मेरे महबूब की आंखो का नूर
प्रेम सफर 6
आग का तेज चांद की चांदनी ,सूरज का गुरुर
इन से ज्यादा है, मेरे महबूब की आंखों का नूर
कह रहा शिवराज सुनो गोर से मेरे हुजूर

सूरज का गुरुर कम हो जाता है बादलों के आगे
चांद की चांदनी नहीं दिखती अमावस्या के आगे
महबूब मेरे के चेहरे का नूर दिखता सबके आगे
कहे श्याम सुनो राधे तुम बिन बृज भी सुना लागे

अमावस्या का तम, कम उसके काजल के वास्ते
नैनो का एक वार ही कापी है घायल करने वास्ते
शब्द भी कम है उसके रूप को बया करने वास्ते
सुन राधे मथुरा ,वन्दावन और  गोकुल तोरे वास्ते
                                         शिवराज खटीक मेरे महबूब की आंखो का नूर